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HINDI STORY - पछतावा (Gangaram Patel Aur Bulakhi Nai ki Kahaniyan)

  Gangaram Patel & Bulakhi Nai ki manoranjak kahaniyan In Hindi | गंगा राम पटेल और बुलाखी नाई की अद्भुत हिंदी कहानियां।                                           पछतावा किसी नगर से गुजरते हुए बुलाकी राम ने एक नौजवान देखा जो  हस्ट - पुष्ट और सुंदर था देखने से किसी अच्छे घर का जान पड़ता था लेकिन उसकी हालत किसी पागल जैसी हो गई थी। वह बाजार के बीचो बीच कुछ देर चलता फिर रुक जाता, और दोनों हाथ ऊपर उठाता और चिल्ला कर कहता। हाय अब मैं क्या करूं...! हाय अब मैं क्या करूं....! उस युवक की यह विचित्र हरकत देख कर मुझे तो कुछ समझ नहीं आया लेकिन उसकी इन हरकतों का कारण जानने के लिए मैं बहुत ही उत्सुक हूं। पछतावा बुलाखी राम कि यह सारी बातें सुनकर गंगाराम पटेल उसे उस युवक के बारे में बताते हुए कहानी सुनाते हुए कहते है - आज तुमने जिस नगर में यह दृश्य देखा था उस नगर का नाम है - रतनगढ़। कुछ सालों पहले इस नगर में एक अमीर व्यापारी रहता था जिसका नाम था- धनीराम उस व्यापारी की केवल एक ही संतान थी उसका नाम था- गोपाल..! जब गोपाल केवल तीन साल का था तभी उसकी मां का देहांत हो गया था। उसके पिता धनीराम ने उसे माता

HINDI STORY - पछतावा (Gangaram Patel Aur Bulakhi Nai ki Kahaniyan)

  Gangaram Patel & Bulakhi Nai ki manoranjak kahaniyan In Hindi | गंगा राम पटेल और बुलाखी नाई की अद्भुत हिंदी कहानियां।                                           पछतावा किसी नगर से गुजरते हुए बुलाकी राम ने एक नौजवान देखा जो  हस्ट - पुष्ट और सुंदर था देखने से किसी अच्छे घर का जान पड़ता था लेकिन उसकी हालत किसी पागल जैसी हो गई थी। वह बाजार के बीचो बीच कुछ देर चलता फिर रुक जाता, और दोनों हाथ ऊपर उठाता और चिल्ला कर कहता। हाय अब मैं क्या करूं...! हाय अब मैं क्या करूं....! उस युवक की यह विचित्र हरकत देख कर मुझे तो कुछ समझ नहीं आया लेकिन उसकी इन हरकतों का कारण जानने के लिए मैं बहुत ही उत्सुक हूं। पछतावा बुलाखी राम कि यह सारी बातें सुनकर गंगाराम पटेल उसे उस युवक के बारे में बताते हुए कहानी सुनाते हुए कहते है - आज तुमने जिस नगर में यह दृश्य देखा था उस नगर का नाम है - रतनगढ़। कुछ सालों पहले इस नगर में एक अमीर व्यापारी रहता था जिसका नाम था- धनीराम उस व्यापारी की केवल एक ही संतान थी उसका नाम था- गोपाल..! जब गोपाल केवल तीन साल का था तभी उसकी मां का देहांत हो गया था। उसके पिता धनीराम ने उसे माता

HINDI STORY - भाग्य का खेल (Gangaram Patel Aur Bulakhi Nai ki Kahaniyan)

  Gangaram Patel & Bulakhi Nai ki manoranjak kahaniyan In Hindi | गंगा राम पटेल और बुलाखी नाई की अद्भुत हिंदी कहानियां।                     भाग्य का खेल राजनगर नाम का एक विशाल नगर था उस नगर के चौराहे पर एक युवक था जो दिखने में किसी बड़े घर का चिराग मालूम होता था। लेकिन उसकी आंखों में मातम पसरा हुआ था उसके मुंह से बार-बार एक ही शब्द निकल रहा था- हाय प्यारी... तू कहां है? हाय प्यारी... तू कहां है? इस मंजर को देखकर बुलाखी राम से रहा ना गया और वह गंगाराम पटेल से इस युवक के बारे में पूछ बैठा, तब भाग्य का खेल   गंगाराम पटेल ने उसे बताया- आज से करीब 20 साल पहले इस नगर में राम सिंह नाम का एक छतरी रहता था राम सिंह खूब खाते पीते परिवार का था उसके पास पिता की सोई हुई बहुत बड़ी संपति थी। उसके परिवार में पत्नी के अलावा एकमात्र पुत्र सूरज था जिसकी उम्र लगभग 10 साल थी राम सिंह का परिवार मने आनंद के साथ अपना जीवन बिता रहा था कि 1 दिन उस परिवार पर कयामत टूट पड़ी किसी अजीबोगरीब बीमारी की चपेट में आकर राम सिंह और उसकी बीवी दोनों भगवान को प्यारे हो गए 10 वर्ष का सूरज अनाथ हो गया। सूरज की उम्र जरूर कम

HINDI STORY - अग्नि परीक्षा (Gangaram Patel Aur Bulakhi Nai ki Kahaniyan)

  Gangaram Patel & Bulakhi Nai ki manoranjak kahaniyan In Hindi | गंगा राम पटेल और बुलाखी नाई की अद्भुत हिंदी कहानियां। अग्नि परीक्षा बुलाकी राम बुलाकी राम बाजार से कुछ सामान लेकर वापस लौट रहा था कि तभी उसने एक मकान के सामने एक अजीब नजारा देखा एक बहुत ही सुंदर औरत एक चौकी पर बैठी जल रही थी उसके शरीर से आपकी बड़ी-बड़ी लपट निकल रही थी लेकिन फिर भी ना तो वह मदद के लिए किसी को बुला रही थी और ना ही उसके शरीर में कोई और हरकत थी उसे देख कर तो ऐसा लग रहा था जैसे उसके शरीर पर आग का कोई असर ही ना हो रहा हो वह तो बस आंखें बंद कर चुपचाप आग की लपटों के बीच बैठी हुई थी कुछ लोग उस आग पर पानी डालकर उसे काबू करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन जैसे ही आग में पानी पड़ता तो आग और विशाल हो जाती मैंने भी वहां रुक कर यह बात जानने की बहुत कोशिश की कि आखिर यह आग पानी डालने से भुज क्यों नहीं रही है आपके बीच में कि वह सुंदर औरत कौन है और वह क्यों इस तरह आग के बीच बैठी हुई है आप उसे जला क्यों नहीं पा रही मुझे वहां मेरी इन बातों का कोई उत्तर नहीं मिला पटेल जी अब आप ही मेरी इन बातों का जवाब देकर मेरे मन को शांत कीजि

HINDI STORY - वचन भंग (Gangaram Patel Aur Bulakhi Nai ki Kahaniyan)

Gangaram Patel & Bulakhi Nai ki manoranjak kahaniyan In Hindi | गंगा राम पटेल और बुलाखी नाई की अद्भुत हिंदी कहानियां। वचन भंग काशी यात्रा को पूरा कर गंगाराम पटेल और बुलाकी नाई वापस घर की ओर लौट पड़े रास्ते में उन्हें एक नगर दिखाई दिया क्योंकि शाम ढलने लगी थी इसलिए उन दोनों ने उस रात वहां रुकने का मन बना लिया। वापस लौटते हुए बुलाकी राम ने एक बगीचे के अंदर ऐसा खास तालाब देखा जिसके घाट मानो सोने के थे और उसके अंदर तैरती हुई मछलियां चांदी की नजर आ रही थी एक बार फिर बुलाकी राम की उत्सुकता जाग गई थी। मौका देखकर उसने पटेल जी के उस तालाब का भेद जानने की इच्छा जता दी। वचन भंग बुलाकी राम की उत्सुकता को गंगाराम पटेल और अधिक ना रोक सके और उस तालाब का रहस्य खोलते हुए। गंगाराम पटेल ने कहानी सुनना शुरू किया - आज से कुछ सालों पहले इस नगर का नाम भूपुर हुआ करता था। यहां वीरसेन नाम का एक क्षत्रिय युवक रहता था। उसे शिकार करना बहुत पसंद था अक्सर वह अकेला ही जंगल में जाकर जंगली जानवरों का शिकार किया करता था। एक बार शिकार की खोज में वीरसेन किसी नए जंगल में प्रवेश कर गया जहां वह पहले कभी नहीं गया था। उसके